BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।

अथवा
यवन-बख्शी शासकों के विषय में आप क्या जानते है? 

उत्तर-

हिन्द-पहलवों का इतिहास भारतीय ग्रन्थों में मिलने वाले अनेक छिटपुट उल्लेखों, क्लासिक लेखों, यवन शासकों के लेखों तथा बहुसंख्यक मुद्राओं के आधार पर ज्ञात किया जाता है। पहलव मूलतः पार्थिया के निवासी थे। पार्थिया बैक्ट्रिया के परिचम की ओर कैस्पियन सागर के दक्षिण-पूर्व में स्थित सेल्युकसी साम्राज्य का सीमावर्ती प्रान्त था। तृतीय शताब्दी ईएपूए के मध्य बैक्ट्रिया के साथ ही पार्थिया के यवन क्षत्रप ने भी अपनी स्वतन्त्रता घोषित कर दी। परन्तु शीघ्र ही पूर्व की ओर से आने वाले कुछ व्यक्तियों ने यवन शासक की हत्या कर दी तथा उन्होनें जिस साम्राज्य की नींव डाली वह 'पार्थियन' के नाम से विख्यात हुआ।

पार्थियन साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक मिथदात प्रथम को माना जाता है जिसका शासन काल 171-130. ई. पू. रहा। पूर्व में उसने जेड्रासिया, हेरात तथा सीस्तान पर विजय प्राप्त की थी। उसके बाद फ्रात द्वितीय ( 138-128 ई. पू.) तथा फिर आर्तवान ( 128-123 ई. पू.) राजा हुये जो शकों के विरुद्ध युद्ध में मारे गये। मिश्रदातद्वितीय (123-88 ई. पू.) को इस वंश का सबसे प्रतापी राजा माना जाता है। उसने शकों को परास्त कर सीस्तान और कान्धार पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। मिश्रदात द्वितीय के बाद भी पार्थियनों बना रहा। इन प्रदेशों से मिले नरेशों के गवर्नर थे, परन्तु बाद में स्वतन्त्र हो गये तथा इण्डो-यूनानियों को परास्त कर उन्होंने भारत के कुछ भागों पर अधिकार भी कर लिया।

भारत पर आक्रमण करने वाले पार्थियन सरदार मूल रूप से सीस्तान तथा आरकोसिया से आये थे। उन्हीं को भारतीय ग्रन्थों में पहलव कहा गया है। पार्थियनों में निम्नलिखित शासकों के नाम विशेष रूप सें उल्लेखनीय है-

1. वोनोनीज - शक शासक मेउस जिस समय गन्धार में शासन कर रहा था उसी समय वोनोनीज सीस्तान, आरकोसिया तथा एरिया का राजा था। वह अपने सिक्कों पर 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण करता है। उसके सिक्के यवन नरेश यूक्रेटाइडीज के सिक्कों के अनुकरण पर ढाले गये हैं। इस प्रकार के सिक्कों पर यूनानी तथा खरोष्ठी दोनों ही लिपियों में लेख प्राप्त होते हैं। सिक्कों के पृष्ठ भाग पर उसके भाई श्पलहोर तथा भतीजे श्पलगडम के नाम मिलते हैं। सभ्भवतः ये दोनों उसके प्रान्तीय शासक थे।

2. श्पेलिरस - वोनानज के पश्चात श्पेलिरस राजा बना। उसके कुछ सिक्के प्राप्त हुयें है जिसके मुख्य भाग पर यूनानी लिपि में श्पेलिरस का नाम तथा पृष्ठ भाग पर शक नरेश एजेज का नाम उत्कीर्ण है। इससे ऐसा निष्कर्ष निकलता है कि सम्भवतः शक नरेश उसकी अधीनता में उपराजा ( वायसराय ) था। इससे पार्थियों का तक्षशिला पर अधिकार सूचित होता है।

3. गोण्डोफर्नीज - गोण्डोफर्नीज पहलव वंश का सबसे अधिक शक्तिशाली राजा था। उसके शासन काल का एक अभिलेख तख्ते वाही (पेशावर जिला ) से प्राप्त हुआ है जिस पर 103 की तिथि दी गई है। यदि इसे विक्रम संवत की तिथि स्वीकार की जाये तो ऐसा निष्कर्ष निकलता है कि वह 10357 = 46 ईस्वी में राज्य कर रहा था। यह तिथि उसके राज्यकाल के 26 वें वर्ष की है। अतः उसने 20 ईस्वी (46-26) में शासन. कार्य प्रारम्भ किया था। गोण्डोफर्नीज के सिक्के पंजाब, सिन्ध, कान्धार, सीस्तान तथा काबुल घाटी से पाये गये है। उसके सिक्कों से उसके साम्राज्य विस्तार की सूचना मिलती है। ऐसा अनुमान है कि उसने शकों को परास्त कर पंजाब तथा सिंध पर अपना अधिकार स्थापित किया था। तक्षशिला को उसने अपनी राजधानी बनाया था। ईसाई अनुश्रुति में उसे 'सम्पूर्ण भारत का राजा' कहा गया है। इसके शासन काल में ईसाई धर्म का प्रचारक सेन्ट टामस भारत आया था। परन्तु इस अनुश्रुति की प्रामाणिकता पर कई इतिहासकार सन्देह करते हैं।

गोण्डोफर्नीज के उत्तराधिकारियों के विषय में इतिहासकारों में मत- वैभिन्न है। सिक्कों से दो राजाओं के नाम ज्ञात होते हैं- एब्डगेसस तथा पकोरिस। ये दोनों निर्बल शासक थे। इसके पश्चात् कुषाणों के भारत पर आक्रमण हुए। कुषाणों ने पहलवों को परास्त कर यहाँ अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। परन्तु ऐसा अनुमान है कि पश्चिमी भारत में द्वितीय शताब्दी ईस्वी तथा पहलवों की सत्ता किसी न किसी रूप में बनी रही। सातवाहन नरेश गौतमी पुत्र शातकर्णि को नासिक गुहालेख में किसी पहलव राजा को उखाड़ फेंकने का श्रेय दिया गया है।

पार्थियन राजाओं के सिक्कों पर 'धमिय' (धार्मिक) उपाधि उत्कीर्ण मिलती है। इतिहासकारों का अनुमान है कि शकों के समान वे भी भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुए तथा उन्होने बौद्ध धर्म भी ग्रहण किया था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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